दमोह में अलसुबह तक चले अ.भा.हास्य कवि सम्मेलन में प्रतिभाएं हुई सम्मानित..

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           दमोह। प्रतिवर्षानुसार आयोजित यह कवि सम्मेलन कवि स्व.श्री प्रेमचंद्र विद्यार्थी को समर्पित करते हुये युवक क्रांति संगठन एवं जनपरिषद चैप्टर के संयुक्त तत्वाधान में स्थानीय उमा मिस्त्री की तलैया में सर्वप्रथम भक्ताम्बर पाठ समिति चैधरी मंदिर द्वारा संगीतमय भक्ताम्बर पाठ कर अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन का का शुभारंभ किया गया। जिसमें आयोजन सांसद राहुल सिंह लोधी वनमण्डलाधिकारी महेन्द्र सिंह उइके,एस.डी.एम.आर.एल.बागरी,तहसीलदार मोहित जैन,राजस्व निरीक्षक, अभिषेक जैन,पुजारी मोटर्स संचालक राकेश पुजारी,अध्यक्ष जिला जैन पंचायत,सुधीर सिंघई, कांगे्रस कमेटी अध्यक्ष रतनचंद जैन, भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष श्रीमती शिखा जैन पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती मालती असाटी,पार्षद कविता राय,त्यागीव्रती भोजन शाला संचालक रूपचंद जैन डाॅ. अभय जैन डाॅ.सौरभ जैन,के आतिथ्य में आयोजित किया गया।

रात 9 बजे से प्रारंभ हुये कवि सम्मेलन में युवक क्रांति संगठन द्वारा प्रकाशित स्मारिका विमोचन राहुल सिंह सांसद दमोह ने किया तत्पश्चात् जिलें में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रतिभाओं में डाॅ.चेतन जैन,इंजी.आर.के.जैन,संजय अरिहंत, संजय पुजारी, संजय नीलम,मानव बजाज, सी.एम.ओ. रितु पुरोहित,राम सिंह राजपूत, सेवानिवृत्त प्राचार्य,मुकेश गूजरे विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी,पटेरा सेवक लाल अहिरवाल प्राचार्य उत्कृष्ट विद्यालय दमोह, श्रीमति कंचन मिश्रा शिक्षिका महाराणा प्रताप स्कूल,श्रीमति अनीता ठाकुर,शिक्षिका हायर सेकेन्ड्री स्कूल मारूताल,विनय मलैया को सम्मान-पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया।साथ ही श्रीमति मालती असाटी,श्रीमति कविता राय,श्रीमति प्रीति गौतम,श्रीमति शिखा जैन,दमोह को भी सम्मानित किया गया।

कवि सम्मेलन के प्रथम चरण में दौरान दीप प्रज्जवलन अतिथि स्वागत के पश्चात् हास्य रस के साथ वीर व श्रृंगार रस की वर्षा में दर्शकों ने रात भर गोते लगाए। इस अवसर पर जहाॅं कविगणों एवं अतिथियों का स्वागत मनोज जैन स्वतंत्र,दिनेश प्यासी, अभिषेक सिंघई एडवोकेटे,पंकज खरे एडवोकेटे,सौरभ विद्यार्थी,मानव बजाज,बंटू गांगरा मनीष आउटलुक,शरद पलंदी,आशीष शाह,पवन गुप्ता,आदि ने किया।


        इस अवसर पर अतिथियों ने युवक क्रांति संगठन के निरंतर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों के साथ कवि सम्मेलन की सराहना करते हुये स्व.कवि श्री प्रेमचंद्र विद्यार्थी को याद करते हुये उनकी साहित्यिक एवं प्रशासनिक गतिविधियों को याद कर सराहना की।  


              रात भर लगे ठहाके-कवि सम्मेलन का संचालन फिरोजाबाद से पधारें लटूरी लट्ठ ने करते हुये सर्वप्रथम कवियत्री काव्या मिश्रा के द्वारा सरस्वती वंदना के माध्यम से कवि सम्मेलन का शुभारंभ हुआ।इस अवसर पर इलाहाबाद से पधारें हास्य कवि अखिलेश द्विवेदी ने अपनी रचना-हम अपना दर्द बांटे या न बांटे पर हॅंसी बांटे, भुलाकर सारे गम अपने सभी के संग खुशी बांटे।व्यंगकार रीवा अमित शुक्ला ने हास्य को उचाईयों तक पहुंचाते हुये कहा-बाल विवाह जैसे कुप्रथा तो बंद हो गई है,वृद्ध विवाह भी तो अब बंद होना चाहिए।। हास्य की श्रृंखला में फिरोजाबाद से पधारें कवि लटूरी लट्ठ मैने जो भी चीज खरीदी,इस जालिम विकट जमाने से,चैकने ने भी लाकर देदी बहुत बडे़ तहकाने से। हे परमेश्वर तुम्ही आकर बेईमानों को आकर शुद्ध करों गंघ मिलावट की जाती है नंबर एक किराने से। आगे वीररस की रचना टीकमगढ़ से पधारें अनिल तेजस्व ने अपनी रचना-बड़ा तालाब कितना हो समंदर हो नहीं सकता,हिमालय कितना उंचा हो वो अंबर हो नहीं सकता।करोड़ो लोग भक्ति में यहां संलग्न रहते है।बिना प्रभु की कृपा कोई दिगम्बर हो नहीं सकता।। ललितपुर से पधारें करूणरस के कवि वीरेन्द्र विद्रोही ने कहा- कैसे पलेगें बच्चे अगर खेतियाॅं न हो,वह घर नहीं है घर जहाॅं बेटियाॅं न हो।। दमोह के बुन्देली कवि गणेश राय ने अपनी रचना-आम आदमी खौं मुस्कल से दो तीन सौ कमा पाउंने,हजार में बजार में कछु नईं आउंनें।। गीत के माध्यम से भोपाल से पधारें धर्मेन्द्र सोलंकी की रचना- उगो दिन से, नहीं ढलती हुई तुम शाम हो जाओं,नहीं मैखाने वाला तुम छलकता जाम हो जाओं। अभी भगवान का अवतार तो मुमकीन नहीं लोगों,उठों तुम ही किसी रावण की खतिर राम हो जाओं।। ने जन समुदाय को मंत्रमुग्ध कर दिया। भोपाल से पधारी कवियत्री नम्रता नमिता ने अपनी रचना में कहा ये अदब की महफिलै ये रतजगे तुमसे मिलने का बहाना हो गया
कवियत्री काव्या मिश्रा ने अपने गीत-मै भी उससे रूठ गई हूं वो भी मुझसे रूठा है, दिल की हालत वेकाबू है,वक्त हाथ से झूठा है। इसी तरह दमोह की कवियत्री बबीता चैबे ने अपनी रचना मैं हिन्दुस्तान की माटी,मैं हिन्दुस्तान की बेटी गरजती हूं बरसती हूं मैं ही उपवन बसाती हूूं ।
पर्यूषण पर्व के अवसर पर जबलपुर के एडवोकेट अजय अहिंसा ने अपनी रचना चलो आज मिलकर क्षमावाणी मनाएं,जाने अनजाने की भूले  मिटाएं के माध्यम से सभी से क्षमा मांगी।

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