हत्या के आरोपीगण को न्यायालय ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा,ननंद के द्वारा साजिश कर अपनी भाभी की हत्या करवाई गई थी
देहात थाना में पदस्थ रहे टीआई एचआर पांडे ने की थी विवेचना
दमोह. न्यायालय माननीय प्रथम एडीजे दमोह श्री संतोष कुमार गुप्ता
ने आरोपी निगम उर्फ अजय सिंह, रवि परमार, अनीता अवस्थी,नफीस खान, राजा उर्फ आशीष ठाकुर व सचिव उर्फ मोनू पाराशर को सजा सुनाई है. माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 19 सितंबर 2024 को पारित निर्णय में आरोपी निगम उर्फ अजय सिंह को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास, 449 भादवि में 05 वर्ष, 25(1-ख)क आयुध अधिनियम में 01वर्ष का सश्रम कारावास व शेष 05 आरोपीगणों को धारा 120 बी सहपठित 302 भादवि में आजीवन कारावास व अर्थदण्ड से दण्डित किया गया. बता दे इस मामले की विवेचना टीआई देहात एच आर पांडे द्वारा की गई थी, जोकि अभी वर्तमान में सीएसपी जबलपुर में पदस्थ है. विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन, आरोपीगण के मेमोरेण्डम कथन, जप्ती व संकलित साक्ष्य के आधार पर संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्तगण के विरूद्ध न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया.
मामले में न्यायालय में आई मौखिक, दस्तावेजी साक्ष्य तथा अभियोजन द्वारा प्रस्तुत तर्कों से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय ने आरोपीगण को आजीवन कारावास से दंडित किया.मामले में अभियोजन की ओर से पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी कैलाशचंद पटेल के मार्गदर्शन में एडीपीओ अनंत सिंह ठाकुर द्वारा की गई व विनय नामदेव द्वारा आवश्यक सहयोग किया गया. उन्होंने घटना का संक्षिप्त विवरण बताते हुए बताया कि दिनांक 18 जून 19 को आरती तिवारी, उसका छोटा बेटा एवं मॉं सुशीला तिवारी ग्राम नरसिंहगढ़ स्थित अपने घर के कमरे में टी व्ही देख रहे थे, उसी समय एक आदमी ने घर के अंदर खुसकर आरती तिवारी को कट्टे से गोली मार दी, घटना के बाद आरती तिवारी को जिला अस्पताल दमोह ले जाया गया, जहां से उसे मेडीकल अस्पताल जबलपुर रेफर किया गया था, जो दिनांक 19 जून 2019 को ईलाज के दौरान मेट्रो अस्पताल जबलपुर में आरती तिवारी की ईलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी, रिपोर्ट पर थाना दमोह देहात में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की गई थी. मृतिका के पुत्र आशु तिवारी की निशानदेही पर आरोपी निगम को गिरफ्तार किया गया था, जिसने अपने मेमोरेण्डम कथन में शेष आरोपीगणों के साथ मिलकर आपराधिक षडयंत्र कर घटना कारित किया जाना, बताया था, जिस पर अपराध में संलिप्त अन्य आरोपीगणों को गिरफ्तार किया गया, विवेचना दौरान आरोपिया अनीता अवस्थी ने अपने मेमोरेण्डम कथन में बताया कि नफीस खान के कहने पर उसने भाभी आरती तिवारी की हत्या करने की योजना बनायी थी और सुपारी के रूप में पांच लाख रूपये की बात तय हुई थी व अपने मित्रों रवि परमार और निगम धाकड को आरती तिवारी की पहचान करवाकर दिनांक 18 जून 2019 को गोली करवा दी थी.
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