शिव पुराण कथा की भव्य कलश व शोभायात्रा निकाली, झांकियां आकर्षक का रही केंद्र
दमोह। नरसिंह मंदिर फुटेरा वार्ड में आज से होने वाली शिव पुराण कथा की बुधवार दोपहर भव्य शोभा यात्रा शहर के हृदयस्थल घंटाघर श्री जानकी रमन बूंदाबहू मंदिर से प्रारंभ हुई। जिसमें बाहर से अनेक झांकियां पधारे नंदी पर शंकर पार्वती जी की चलत झांकी, राधा कृष्ण, सीताराम की झांकियां, ग्वाल नृत्य व कलश लिए हुए सैकड़ो महिलाएं शोभायात्रा में चल रही थी. यह भव्य शिव यात्रा दमोह में विशेष आकर्षण का केंद्र रही. इसमे प्रसिद्ध सागर से पधारे श्री विपिन बिहारी जी महाराज जी के द्वारा श्री शिव पुराण कथा को श्रवण कराया जाएगा. यह कथा मुख्य रूप से बग्गेठाकुर व उनके परिवार वालों की ओर से कराई जा रही है. जो बड़ा पुल दमोह के निवासी हैं, इस यात्रा में बाहर से अनेकों झांकियां भी नृत्य करने वाली पधारी थी. इस कलश व शोभायात्रा में पंडित चंद्रकांत पौराणिक, पंडित आशीष कटारे, पार्षद मनीष शर्मा, पुष्पेंद्र तिवारी वैभव तिवारी, मनोज शर्मा के अलावा और भी क्षेत्रीय जन महिलाएं बच्चे मौजूद रहे।
अपराध की जानकारी छिपायें नहीं
कमला नेहरू महाविद्यालय में विधिक साक्षरता शिविर सम्पन्न
दमोह : 13 नवम्बर 2024
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं म.प्र.राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर द्वारा दिये गये निर्देशों के तहत एवं प्रिंसिपल जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आनंद कुमार तिवारी के मार्गदर्शन में कमला नेहरू महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में महिलाओं के अधिकार के संबंध में जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। उक्त शिविर में पंचम सत्र न्यायाधीश राममनोहर सिंह दांगी, जिला विधिक सहायता अधिकारी रजनीश चौरसिया, प्रिंसिपल डॉ. पी.एल. जैन, व्याख्याता डॉ. प्रणव मिश्रा, व्याख्याता/स्टॉफ सहित छात्रायें उपस्थित रहीं।
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दमोह राममनोहर सिंह दांगी ने छात्राओं को बच्चों के साथ आए दिन यौन अपराधों के संबंध में अपराधों की बढ़ती संख्या एवं बच्चों के साथ छेड़छाड़, बलात्कार जैसे मामलों पर जानकारी देते हुये बताया कि पॉक्सो एक्ट के तहत नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध एवं छेड़छाड़ के मामलों में कार्यवाही की जाती है। यह एक्ट बच्चों को पोर्नोग्राफी आदि गंभीर मामलों से सुरक्षा प्रदान करता है। वर्ष 2012 में बनाये गये इस कानून के तहत अलग-अलग अपराध के लिये अलग-अलग सजा तय की गई है जिसका कड़ाई से पालन किया जाना सुनिश्चित किया गया है। 18 वर्ष से कम उम्र के बालक या बालिका दोनों हो सकते हैं। यह कानून लड़का या लड़की दोनो को समान रूप से सुरक्षा प्रदान करता है। ऐसे पीड़ित बालक या बालिका की पहचान गुप्त रखी जाती हैं। कोई भी ऐसे पीड़ित अपने विरूद्ध होने वाले अपराधों को छिपाये नहीं ऐसे अपराधों के विरूद्ध आवश्यक कदम उठायें, ऐसे पीड़ित की पुनः स्थापना हेतु न्यायालय द्वारा पीड़ित प्रतिकर राशि भी प्रदान की जाती है। अपराधी ऐसी राशि देने में सक्षम न होने की दशा में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रदान की जाती है। उन्होंने छात्राओं का मनोबल बढ़ाते हुये कहा आपके साथ होने वाले किसी भी अपराध को छिपायें नहीं। ऐसे आरोपी के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही अवश्य करें।
जिला विधिक सहायता अधिकारी रजनीश चौरसिया ने उपस्थित छात्राओं को बाल विवाह के संबंध में जानकारी देते हुये बताया कि 18 वर्ष से कम उम्र की बालिका का विवाह आपराधिक कृत्य है। उन्होंने कहा आपके आस-पास के क्षेत्र में बाल विवाह होने की दशा में चाईल्ड हेल्प लाईन पर सूचित अवश्य करें एवं महिलाओं के विरूद्ध होने वाली घरेलू हिंसा की रोकथाम हेतु महिलाओं को जागरूक करे। उन्होंने नेशनल लोक अदालत, म.प्र. अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना, मानव तस्करी, घरेलू हिंसा, भरण-पोषण की योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
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