आखरी समय में राम का नाम, तुलसी, गंगा जल और केवल गौ माता ही काम आएगी_ विपिन बिहारी दास महाराज..
दमोह। शहर के नरसिंह मंदिर के समीप राम जानकी मंदिर शाला परिसर में श्री शिव महापुराण कथा आयोजन के चौथे दिन कथा व्यास पंडित विपिन बिहारी दास महाराज ने श्रद्धालुओं को बताया कि आखरी समय में रुपया, पैसा काम नहीं आएगा। बल्कि केवल राम का नाम तुलसी का पत्ता और केवल गौ माता ही आपका उद्धार करेंगे।
उन्होंने बताया कि जीवन में कितनी भी धन संपत्ति कमा लो आखिरी समय में यह साथ नहीं जाएगी। इसलिए आप अच्छे सत्कर्म करिए जिससे आपकी मुक्ति हो सके। उन्होंने कहा की आखिरी समय में केवल राम का नाम, तुलसी का पत्ता गंगा और मां नर्मदा का जल और यह गौ माता ही आपका उद्धार कर सकेगी। ऐसा नहीं होगा कि कोई व्यक्ति मर रहा है और उसे हम रसगुल्ला खिला दे, धन दौलत का स्पर्श कर दें तो उसकी मुक्ति हो जाएगी। नहीं मुक्ति के लिए केवल आपको भगवान का नाम ही लेना पड़ेगा। राम नाम का आसरा ही जीवन का उद्धार कर सकता है। इसलिए जब तक जीवन रहे अच्छे सत्कर्म करिए। भगवान का नाम लीजिए, गौ माता की सेवा करिए। इसीलिए कहा गया है कि 100 काम छोड़िए और स्नान करिए।
ब्रह्मचारी जी महाराज ने एक प्रवचन के दौरान एक बात कही उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति बिना स्नान किए भोजन करता है वह खुद की गंदगी खाने के समान है । चाहे बिना स्नान किए भोजन कर लो या गंदगी खा लो एक ही बात है। इसलिए सुबह सबसे पहले उठने के बाद स्नान करो। 200 काम छोड़ दो और भोजन करो क्योंकि भोजन बहुत जरूरी है, 500 काम छोड़ दो और परोपकार करो। यदि आपके द्वारा किसी का अच्छा हो रहा है तो वह काम कर डालो उसमें देरी न करो और आखिरी सूत्र है दुनिया के सारे काम छोड़ दो और भगवान का भजन करो। गोस्वामी तुलसीदास ने जी ने भी यही बात लिखी है।
इसके बाद उन्होंने बताया कि आज के समय में लोग अपने बच्चों के जन्मदिन के मौके पर केक काटते हैं मोमबत्ती जलाकर उसे बुझाते हैं इसलिए इस परंपरा को बदलो। जिस दिन आपके कुल में किसी का जन्म हुआ है उस दिन दीपक को मत बुझाओ। कहने का मतलब है मोमबत्ती मत चलाओ यदि बेटी का जन्मदिन है तो उसके हाथ में चावल और हल्दी लगाओ और यदि बेटे का जन्मदिन है तो चावल और रोरी लगाओ। बेटी के हाथ पीले करो और बेटे के हाथ लाल करो जितने वर्ष की बेटी या बेटा हो गया है उतने दीपक जलाओ और उसकी आरती उतारो, लेकिन अपने बच्चों के जन्मदिन के दिन मोमबत्ती जलाकर उसे मत बुझाओ इस परंपरा को बदलो।
कथा पंडाल में सुबह पार्थिव शिवलिंग निर्माण का आयोजन चल रहा है और दोपहर में कथा व्यास के द्वारा कथा सुनाई जा रही है। जिसमें बड़ी संख्या में प्रतिदिन श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
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