सरस्वती शिशु मंदिर पूर्व छात्र मिलन समारोह बाल सखा समागम का आयोजन आज
दमोह। सरस्वती शिशु मंदिर में अध्यनरत रहे भूतपूर्व विद्यार्थियों का बालसखा समागम कार्यक्रम का आयोजन आज 30 नवंबर शनिवार को स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर रेस्ट हाउस के पास आयोजित किया गया है जिसमें शिशु मंदिर में सहपाठी रहे और अब देश भर के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न पदों व क्षेत्र में कार्यरत छात्राएं शामिल होंगे। कार्यक्रम के संबंध में आयोजन कमेटी के सत्येंद्र साहू व नीलेश जैन ने प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए बताया कि करीब 12 वर्ष बाद एक बार फिर बाल सखा समागम का आयोजन किया जा रहा है इसमें साथ-साथ अध्यनरत रहे भैया बहनों से मिलना, अनसुनी अनकही बातें, सरस्वती वंदना, बचपन के मजेदार खेल व सुनहरी यादों को साझा करेंगे उन्होंने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 9ः00 से होगी बाहर से आने वाले छात्र-छात्राओं के ठहरने सहित अन्य व्यवस्थाएं की गई है। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश के कैबिनेट मंत्री श्री लखन पटेल व स्थानीय विधायक व पूर्व मंत्री श्री जयंत कुमार मलैया, पुलिस अधीक्षक श्री श्रुतकीर्ति सोमवंशी जी, कलेक्टर श्री सुधीर कोचर,दीदी गुणमाला जैन, श्रीमती कुसुम खरे, दीदी मुन्नी असाटी, प्राचार्य राजीव तिवारी रहेंगे। इस कार्यक्रम में शिशु मंदिर में पूर्व व वर्तमान में कार्यरत आचार्यगणों व दीदीयों का सम्मान किया जावेगा। पत्रकार वार्ता में कार्यक्रम प्रभारी सत्येंद्र साहू, निलेश जैन, नवीन राय, विकास जैन,मनोज जैन, राजेश पटेरिया, सुधीर वैध, अनुराग हजारी, मानव बजाज, आशीष चौधरी, सतीश चौरसिया,सौरभ जैन, आशीष राजोरिया, गोपाल पटेल, अनुराग खरे,नेक नारायण सिंह, सौरभ जैन, महेन्द्र ताम्रकार सहित अन्य अनेक पूर्व छात्र उपस्थित रहे।
आचार्य श्री की भावना थी किसी एक व्यक्ति का नहीं सभी भक्तों का मंदिर बने- मुनि सुब्रत सागर जी
दमोह। बड़े बाबा जन जन के आराध्य देव है विश्व के प्रत्येक भक्त के ह््रदय में विराजमान है बड़े बाबा का मंदिर विश्व की धरोहर है हमारे गुरुदेव आचार्य विद्या सागर जी महाराज ने जो सपना देखा था वह बड़े बाबा के मंदिर के रुप में साकार हो गया उनकी भावना थी की यह किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि सभी भक्तों का मंदिर बने। बड़े बाबा के मंदिर के निर्मित होने के बाद जब उनसे पूछा गया कि गुरुदेव आपको कैसा लग रहा है तो उन्होंने कहा था स्वर्ग से सुंदर और सपनों से प्यारा बड़े बाबा का दरबार।
उपरोक्त विचार मुनि श्री सुब्रत सागर जी महाराज ने सागर नाका जैन स्कूल प्रांगण में आयोजित अपने मंगल प्रवचन मैं प्रकट किए। मुनि संघ के सागर नाका पहुंचने पर राष्ट्रीय जैन शिक्षण समिति के साथ सागर नाका मंदिर समिति एवं भक्तगणों के द्वारा मंगल अगवानी की गई। राष्ट्रीय शिक्षा समिति के द्वारा प्रवचन स्थल पर जैन स्कूल की नवीन बिल्डिंग बनाने की योजना प्रस्तावित की गई। बिल्डिंग के निर्माण हेतु अनेक दान दाता द्वारा दान राशि घोषित की गई। सिविल वार्ड भाई जी मंदिर राजीव कॉलोनी विजय नगर एवं वसुंधरा नगर के भक्तगणों ने मुनि संघ के मंगल आगमन हेतु निवेदन करते हुए श्रीफल अर्पित किए। इसके पूर्व छुलल्क श्री उधम सागर जी महाराज ने अपने मंगल उद्बोधन ने कहा कि श्रावक दान और पूजा दो कर्तव्य है दान से दुर्गति का नाश होता है। सील सद्गति का कारण है पुण्य के उदय से तिजोरी अपने आप भर जाती है और पाप के उदय में खाली हो जाती है। यह पंचम काल का पुण्य है कि हमें पंच कल्याणक द्वारा पाषाण से परमात्मा बनाने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। यह दमोह का नहीं भगवान का पंचकल्याणक है मनुष्य को मरने से पहले अपने जीवन में एक जिन बिन्म अवश्य स्थापित कर देना चाहिए। बार-बार भगवान बनते हुए देखने से हमें भी भगवान बनने की इच्छा उत्पन्न हो जाती है। पंच कल्याणक की भूमि का स्पर्श अवश्य करना चाहिए। जीवन में सात उपजाऊ भूमि होती है जिन बिन्म स्थापना, जिनालय का निर्माण, पंचकल्याणक प्रतिष्ठा, भूमि तीर्थ क्षेत्र की वंदना, अष्ट द्रव्य, जिनवाणी का प्रकाशन और चार प्रकार के दान इनमें एक भी का दान करने वाला व्यक्ति आगे चलकर अवश्य ही भगवान बनता है। इस मौके पर पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव के आयोजन हेतु महेश दिगंबर को मुख्य संयोजक एवं रेशु सिंघई को सह संयोजक घोषित किया गया। मीडिया प्रभारी सुनील वेजीटेरियन ने बताया कि दिनांक 30 नवंबर को प्रातः 8ः30 बजे सिविल वार्ड भाई जी मंदिर एवं राजीव कॉलोनी में मुनि संघ के मंगल प्रवचन होंगे तथा आहार चर्या संपन्न होगी।
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