आनंद अल्पविराम परिचय कार्यशाला संपन्‍न..

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मैं बरसों बाद अपने छोटे भाई के घर जाऊंगा
आनंद अल्पविराम परिचय कार्यशाला संपन्‍न
दमोह। राज्य आनंद संस्थान (म.प्र.शासन आनंद विभाग) द्वारा ब्लॉक स्तरीय एक दिवसीय परिचय कार्यशाला का आयोजन जनपद पंचायत सभागार दमोह में एस डी एम दमोह आर एल बागरी के मुख्य आतिथ्य और सीइओ जनपद पंचायत दमोह श्रीमती पूनम दुबे के मार्गदर्शन में किया गया। आनंद विभाग नोडल अधिकारी डॉ प्रो कीर्ति काम दुबे, जिला सम्पर्क व्यक्ति रमेश व्यास एवं मास्टर ट्रेनर्स श्रीमती उषा व्यास, श्रीमती प्रेमलता उपाध्याय, श्रीमती कमलेश शुक्ला,आनंदम सहयोगी अतुल तिवारी उपस्थित रहें ।

कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलित करते हुए ईश प्रार्थना से हुआ। कार्यक्रम का प्रारंभ आनंद विभाग के वीडियो द्वारा किया गया जिसमें मास्टर ट्रेनर प्रेमलता उपाध्याय ने अल्पविराम की चर्चा करते हुए,सत्र आनंद की ओर आयोजित किया। सत्र में सहभागियों द्वारा गहरी रुचि जाहिर की। मास्टर ट्रेनर उषा व्यास ने जीवन का लेखा-जोखा सत्र के द्वारा बताया कि हमें अपने जीवन प्रबन्धन का सीईओ स्वयं को ही बनना होगा तभी हमें जीवन का आनंद प्राप्त होगा। आनंद सहयोगी अतुल तिवारी ने बताया कि जब उनकी गाड़ी रास्ते में रात में बिगड़ गई और किसी प्रकार की सहायता की कोई आशा नहीं थी तब एक दुकानदार ने आकर न केवल हमारी गाड़ी सुधरवाने में सहायता की बल्कि हमारी सभी परिजनों को उसे रात्रि में भोजन भी कराया और गाड़ी के दुरुस्त होने के बाद ही वह अपने घर को रवाना हुए, उनके जीवन की वह ऐसी सहायता आज भी उन्हें कृतज्ञता और रोमांच से भर देती है। कमलेश शुक्ला ने अपने अनुभव को बताया कि एक संतान सुख से वंचित मां को अपने पोते के साथ सहभागिता करने का अवसर दिया जो आगे चलकर वह मां भी बनी, यह घटना उनके जीवन में बहुत बड़ी प्रेरणा देती है कि हमारी छोटी-छोटी सहायता लोगों का जीवन बदल देती हैं। भोजन अवकाश के बाद प्रेमलता उपाध्याय ने एक खेल के माध्यम से प्रतिभागियों में स्वयं से जुड़ने की कला को सहसंबंध करते हुए बताया कि जब हम स्वयं से जुड़ते हैं, स्वयं को समय देते हैं, स्वयं के साथ बात करते हैं तो हमें अपने जीवन में बहुत सी ऐसी बातें प्राप्त होती है जिन्हें हम आमतौर पर नजर अंदाज कर देते हैं यह हमारी अच्छाइयां भी होती हैं और बुराइयां भी होती हैं और जब हम अल्पविराम या शांत समय लेते हैं तो हमें अपनी इन बुराइयों को हटाने का भी अवसर प्राप्त होता है जिससे स्वयं में सुधार होता है और जीवन को नई दिशा मिलती है ।कार्यक्रम में सहायक नोडल अधिकारी और मास्टर ट्रेनर रमेश व्यास द्वारा एक प्रयोग के माध्यम से बताया कि उनके जीवन में जहां एक और अच्छाइयां थी वही कुछ ऐसी बुराइयां थी जिन्हें वह अपने जीवन का मूल अंग समझते थे किंतु जब वह स्वयं के साथ जुड़े तो उन्हें अपनी उन कमियों,बुराइयों पर ध्यान गया और उन्होंने एक-एक कर निकालने का सफल प्रयास किया।सत्र में सा सहभागिता करते हुए महेंद्र जैन ने बताया कि उनके जीवन में आज एक बहुत बड़ा सकारात्मक परिवर्तन हुआ है कि वह अब वर्षों से अपने छोटे भाई के घर नहीं गए थे, अब वह सारे दिल की बुराइयों को समाप्त करते हुए उनके घर स्वयं ही जाएंगे और सभी को गले लगाएंगे।।श्रीमती जैन ने बताया अभी तक वह हर गलती के लिए अपने पति को दोषी ठहराती थी किंतु आज स्वयं के साथ बैठने पर ज्ञात हुआ कि वह हर गलती के लिए पति को दोषी नहीं ठहराएंगी बल्कि स्वयं में परिवर्तन करेगी। इस प्रकार आरक्षक प्रतिभागी ठाकुर ने बताया कि यह कार्यक्रम हमारे पुलिस बल के जीवन में निश्चित ही नई दिशा देंगे इन कार्यक्रमों को जेलों और पुलिस थानों में अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए ताकि तनाव में जी रहे हमारे पुलिस बल जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन हो सके। उन्होंने बताया कि अब वह अपने ड्यूटी स्थल का तनाव, घर नहीं ले जाएंगे जिससे अपने परिवार का माहौल शांत बन सके। कार्यक्रम के अंत में मुख्य कार्यपद अधिकारी जनपद पंचायत दमोह श्रीमती पूनम दुबे द्वारा प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र करते हुए जिला प्रशासन आनंद विभाग और समस्त प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।

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