शासकीय शिक्षक, शिक्षक कर्मचारी शासन की पूर्व स्वीकृति के बिना कोई भी उप व्यवसाय या धंधा नहीं कर सकता..

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शासकीय शिक्षक, शिक्षक कर्मचारी शासन की पूर्व स्वीकृति के बिना कोई भी उप व्यवसाय या धंधा नहीं कर सकता..

प्राइवेट ट्यूशन भी उल्लेखित नियमों के विपरीत है जो कदाचरण की श्रेणी में आता है

दमोह : 01 दिसम्बर 2024

        प्राइवेट ट्यूशन एवं अन्य पारिश्रमिक कार्य के अंतर्गत म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम के तहत कोई भी शासकीय शिक्षक, शिक्षक कर्मचारी शासन की पूर्व स्वीकृति के बिना कोई भी उप-व्यवसाय या धंधा नहीं कर सकता प्राइवेट ट्यूशन भी उल्लेखित नियमों के विपरीत किया गया है, तो कदाचरण की श्रेणी में आता है, केवल सामाजिक तथा सांस्कृतिक प्रकार के अवैतनिक कार्य बिना पूर्व स्वीकृति के किये जा सकते है, इस आशय के निर्देश राज्य शासन द्वारा जारी किये गये है।

        इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी ने परिपत्र जारी कर कहा है जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा केवल डांक संबंधी कार्य, लायसेंस प्राप्त मुद्रांक विक्रेता कार्य, कॉजी हाउस का कार्य, सरकारी समितियों का अंशकालिक कार्य, पुस्तक लेखन, समाज शिक्षा तथा पुस्तकालय एवं आकाशवाणी से वार्ता अथवा कलात्मक कार्यक्रमों का प्रसार आदि कार्यो की स्वीकृति की जा सकेगी।

        कोई कार्य स्वीकार करने के पूर्व वह अपने पदस्थ वरिष्ठ प्रशासकीय अधिकारी संकुल प्राचार्य/विकासखंड शिक्षा अधिकारी को पूर्ण विवरण शर्तों से अवगत करायेगा। इसके पश्चात संकुल प्राचार्य/विकासखंड शिक्षा अधिकारी इस आवेदन को अपनी टीप के साथ जिला शिक्षा अधिकारी को प्रेषित करेगें, परीक्षण हेतु जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में इस कार्य को देखने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी एक प्रभारी अधिकारी नियुक्त करेगें तत्पश्चात जिला शिक्षा अधिकारी लिखित स्वीकृति प्रदान करेगें, जिसका विधिवत अभिलेख संधारित किया जायेगा।

        नियम-28 (2) प्रशासकीय अधिकारी यह व्यवस्था रखेंगे कि नियम 28 (1) में वर्णित एक से अधिक कार्य शिक्षकों को न सौपे जायें। नियम-28(3) ट्यूशन (अ) प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर पर, शिक्षक पाँच ट्यूशन (पांच विद्यार्थी) एवं उच्चतर माध्यमिक स्तर पर शिक्षक तीन ट्यूशन (तीन विद्यार्थी) कर सकेंगे । ट्यूशन करने के पूर्व उन्हें संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी या प्राचार्य को लिखित सूचना देनी होगी, जिसका पूरा-पूरा विवरण जिला कार्यालय में रखी पंजी में किया जायेगा। यदि शाला की पढ़ाई में नुकसान हो रहा पाया जायेगा तो जिला शिक्षा अधिकारी, प्राचार्य को ट्यूशन कार्य निरस्त करने का अधिकार होगा । ट्यूशन कार्य निरस्ती संबंधी निर्णय के विरूद्ध शिक्षक यदि चाहे तो 15 दिवस के भीतर संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा लोक शिक्षण को अभ्यावेदन कर सकेगा जिनका निर्णय अंतिम होगा ।

जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में व्यवस्था

        जिले में प्राइवेट ट्यूशन एवं अन्य पारिश्रमिक कार्य के अंतर्गत म.प्र. शिक्षा संहिता एवं मार्गदर्शिका के नियम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ सहायक संचालक प्रभारी अधिकारी होगे, जो संकुल प्राचार्य/विकासखंड शिक्षा अधिकारी से प्राप्त आवेदनों का परीक्षण कर, मूल आवेदन अपनी टीप के साथ जिला शिक्षा अधिकारी को प्रस्तुत करेगें ।

समय-सीमा

        किसी शिक्षक/लोक सेवक द्वारा आवेदन सर्वप्रथम अपने संस्था प्रभारी को सौपेंगें, संस्था प्रभारी आवेदन की पावती 07 दिवस के अंदर संकुल प्राचार्य / विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत करेगें, संकुल प्राचार्य/विकासखंड शिक्षा अधिकारी अपने कार्यालय में प्राप्त आवेदन से 07 दिवस में सभी दस्तावेजों सहित उक्त आवेदन जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की आवक शाखा में जमा कर पावती प्राप्त करेंगे। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्राप्त आवेदन प्रभारी अधिकारी के पास पहुंचेगा जो प्राप्त आवेदन के तीन दिवस में परीक्षण कर मूल रूप में जिला शिक्षा अधिकारी को प्रस्तुत करेगें जिला शिक्षा अधिकारी उक्त आवेदन को 03 दिवस में स्वीकृत, अस्वीकृत करते हुए सूचना लिखित रूप में मूल आवेदक को प्रदान करेगें ।

        शिक्षकों द्वारा यदि नियम विरूद्ध ट्यूशन किये जाते है, तो उसका शिक्षा पर दुष्प्रभाव होता है अतः उक्त नियम के प्रकाश में जिला अंतर्गत सभी संस्था प्राचार्यो, व्याख्याताओं, शिक्षकों को उक्त नियम कढ़ाई से पालन करने के तत्काल निर्देश दिये गये है साथ ही यदि शिक्षकों द्वारा नियम विरूद्ध या बिना लिखित अनुमति के ट्यूशन किये जाने की शिकायतें प्राप्त होती है तो म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 का उल्लंघन मानते हुए अज्ञात स्त्रोंतों से आय अर्जित करने का प्रकरण पंजीबद्ध करने की कार्यवाही की जायेगी।

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