सनातन पर प्रहार के विरोध में उमड़ा जन सैलाब..बांग्लादेश के खिलाफ मुखर हुआ दमोह..

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दिन में 16 माला जपने वाले प्रभुजी को बना दिया आंतकवादी

सनातन पर प्रहार के विरोध में उमड़ा जन सैलाब

बांग्लादेश के खिलाफ मुखर हुआ दमोह


दमोह – बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर के प्रभुजी चिन्मयानंद को आंतकवादी घोषित कर जेल में ठूंसे जाने के विरोध में दमोह में सनातनियों का सैलाब स्थानीय तहसील ग्राउंड में उमड़ा जिसमें नर से लेकर नारी, संत से लेकर मंत्री, आम से लेकर खास ने अपनी उपस्थिती दर्ज कराते हुए यह ऐहसास कराया कि अब सनातन की रक्षा के लिए हम सब एक है और मुखर हैं। जिसका नजारा तहसील ग्राउंड मंच से नजर भी आया। प्रमुख वक्ताओं ने बांग्लादेश के लिए भत्र्सना वाले शब्दों का इस्तेमाल किया। संपूर्ण समाज के बीच में मंच पर  अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र जैन अटल, सुप्रसिद्ध कथा वाचिका  सुश्री किशोरी वैष्णवी जी सनातन चेतना मंच के संयोजक दिनेश चौबे मौजूद रहे। बड़ी संख्या में लोग रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचे।

सन्यासी को बना दिया आतंकवादी

सनातनी आग बबूला इसलिए हो गए कि इस्कॉन मंदिर का प्रत्येक सन्यासी जिन्हें प्रभुजी के नाम से जाना जाता है, वह हरे कृष्ण, हरे राम नाम जप की 16 माला नियमित करते हैं। भगवन नाम जप में लीन रहने वाले सन्यासी ने वहां हो रहे कत्ले आम का विरोध किया तो वह कि कटटरपंथी सरकार ने सन्यासी को आंतकवादी घोषित कर जेल में ठूंस दिया। उनकी जमानत के लिए जो वकील तैयार हो रहे हैं, उन्हें कटटरपंथी मौत के घाट उतार रहे हैं, जिसका विरोध सनातन चेतना मंच के बैनर तले किया गया।

बैठै हैं चंद्रमुखी, खड़े हैं तो ज्वालमुखी

मुख्यवक्ता  सिद्धेश्वरी काली मठ पुरनहाउ धाम के पीठाधीश्वर रंजितानंद जी महाराज ने बांग्लादेश में साधु संतों के खिलाफ अत्याचार को लेकर कहा कि वह हमारे टुकड़ों पर पलने वाला बांग्लादेश आज आंख दिखा रहा है। उसे इस बात का ज्ञान नहीं है कि हिंदू समाज सब की कल्याण की भावना करने वाला समाज है। यदि संपूर्ण विश्व की कल्याण की कामना जीव के कल्याण के लिए सनातन समाज काम करना जानता है, तो राक्षसों और दुष्टों को कीड़े मकोड़े की तरह मसलना भी जानता है। हमारा इतिहास दान बलिदान कल्याण कर रहा है, तो हमने बड़े-बड़े राक्षसों का संहार भी किया है। जब तक हम बैठे हैं तो चंद्रमुखी हैं जिस दिन खड़े हो गए तो ज्वालामुखी बन जाएंगे। हिंदू को अब बैठना नहीं है हिंदू को अब खड़े होना है।

252 अल्पसंख्यक अधिकारी बर्खास्त

इस विशाल विरोध प्रदर्शन के संयोजक दिनेश चौबे ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू मंदिर तोड़े जा रहे हैं, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहे हैं। वहां लोकतंत्र पूरी तरह खत्म हो चुका है। 252 अल्पसंख्यक अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया है, उनके परिजनों के साथ घटनाएं हो रही हैं। यह बात किसी से नहीं छपी। जिस भारत ने मुक्ति वाहिनी के माध्यम से बांग्लादेश को आजादी दिलाई आज वह कहता है कि हम अपने आप आजाद हुए हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलकर अपने अल्पसंख्यक भाइयों की रक्षा के लिए आवाज उठानी चाहिए।

इनकी रही मौजूदगी

संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के अलावा जिला पंचायत सदस्य पार्षद गण समाज के सामान्य  नागरिक बनकर  इस महाविरोध में सम्मिलित हुए। इसके अलावा जिले के बुद्धिजीवी प्रबुद्ध वर्ग के लोग डॉक्टर एडवोकेट व्यापारिक व्यवसाय उद्योगपति सभी पैदल मार्च करते हुए बांग्लादेश के विरोध में सडक़ों पर एकजुट दिखे।

एकत्रीकरण स्थल तहसील ग्राउंड से पैदल मार्च करते हुए सभी लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां पहुंचकर कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर को ज्ञापन दिया ज्ञापन का वचन कार्यक्रम के संयोजक दिनेश चौबे के द्वारा किया गया। कार्यक्रम संचालन सहसंयोजक मोंटी रैकवार के द्वारा, अतिथि वक्ताओं का स्वागत सहसंयोजिका एडवोकेट गिरिजा त्रिपाठी एवं प्रमोद विश्वकर्मा के द्वारा किया गया। आभार पवन रजक के द्वारा किया गया।

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