दमोह जिले में अवैध खनन और भ्रष्टाचार का बोलबाला..
दमोह जिले की पटेरा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत बमनपुरा में अवैध खनन और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। यहां पर वन भूमि से मशीनों से पत्थर लाया जा रहा है और खखरी का निर्माण किया जा रहा है। वन व राजस्व भूमि दोनों जगह से पत्थर का खनन कर अवैध परिवहन हो रहा है। ठेकेदार भरत पटेल जिले के कई हिस्सों में इसी तरह की दबंगई से अवैध खनन कराते हुए ग्राम पंचायत का विकास करा रहे हैं।

वन भूमि पर मशीनों का प्रवेश
ग्राम पंचायत बमनपुरा से जमुनिया तक खखरी का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें इस्तेमाल होने वाला पत्थर वन भूमि से आ रहा है। यहां हैरत की बात यह है कि वन भूमि पोकलेन व अन्य मशीनों का प्रवेश हो रहा है, जबकि वन भूमि में इन मशीनों का प्रवेश दांडिक अपराध की श्रेणी में आता है। लेकिन बताया जा रहा है कि ठेकेदार भरत पटेल पर हटा विधायक उमादेवी खटीक का हाथ होने से वह दिलेरी से अवैध खनन करा रहे हैं।
शिकायत पर नहीं हुई कार्रवाई

इस संदर्भ में वन विभाग में शिकायत की गई तो वन विभाग के अधिकारियों ने पल्ला झाड़ते हुए खनन राजस्व विभाग की जमीन पर बता दिया। इसके बाद जब खनिज विभाग को शिकायत की गई तो वहां के अधिकारी ने वन भूमि में अतिक्रमण होना बता दिया। जिससे साबित होता है कि वन व खनिज विभाग ठेकेदार भरत पटेल द्वारा फेंकी जाने वाली बड़ी रकम के आगे नतमस्तक है।
कीमती लकड़ी काटी जा रही है
जानकारों का मानना है कि वन भूमि से जहां पत्थर का अवैध खनन किया जा रहा है, वहीं कीमती लकड़ी भी काटी जा रही है। जंगल में मशीनों के प्रवेश से पेड़ों को भी क्षति पहुंच रही है। जिस पर वन विभाग के मैदानी कर्मचारी व अधिकारी पर्दा डालते हुए नजर आ रहे हैं।
फर्जी बिलों का मायाजाल
जिले भर की ग्राम पंचायतों में खखरी का जाल फैलाया जा रहा है। उक्त पत्थर के बिल भी लगाए जा रहे हैं जो पूर्णत: फर्जी हैं। क्योंकि जितनी मात्रा में पत्थर उपयोग हो रहा है वह जिले में राजस्व भूमि में कहीं नहीं पाया जाता है। इसकी गिनी-चुनी खदानें हैं। फिर परचून की दुकान की तरह जिले भर में फैले वेंडरों द्वार फर्जी बिलों का मायाजाल फैलाया गया है। जिस पर आडिट आपत्ति न लिया जाना भी विचारणीय तथ्य है।
100 मीटर सडक़ के निकाले 20 लाख
बमनपुरा गांव में ही मदन आदिवासी से नागदेव की पुलिया तक 20 लाख 65 हजार की लागत से महज 100 मीटर सडक़ बनाई गई है। इसी तरह के अन्य कार्य भी कराए गए हैं, जिनमें राशि का आहरण कर लिया गया है। भाजपा नेताओं द्वारा ग्राम पंचायतों में लगातार भ्रष्टाचार किए जा रहे हैं, जिसमें सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, उपयंत्री, एसडीओ व सीईओ की बराबर की सहभागिता दिखाई दे रही है।
निष्पक्ष जांच की मांग
स्थानीय लोगों ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
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