शोषण करने वाली कंपनियां सेडमैप का भय दिखा रही, रवि सिक्यूरिटी पर एफआइआर के निर्देश..

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दमोह- जिला अस्पताल में कार्यरत आउटसोर्स कंपनियां कर्मचारियों का आधा वेतन का गोलमाल करते हुए उनकी भविष्य निधि तक डकार रही हैं। अब इन कंपनियों को बाहर किए जाने का निर्णय कलेक्टर द्वारा लिया गया है। जिससे उन्होंने सेडमैप के तहत कर्मचारियों की भर्ती कराए जाने की प्रक्रिया आरंभ कराई है। जिससे अस्पताल में कार्यरत वर्तमान आउटसोर्स कंपनियों की नींद उड़ी हुई हैं और वह कर्मचारियों को बरगलाने व भडक़ाने का काम कर रही हैं। इधर कर्मचारियों को चार सालों से शोषण करने वाली रवि सिक्यूरिटी के संचालकों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
जिला अस्पताल में साफ-सफाई के लिए कामथेन कंपनी कार्यरत है। वहीं सुरक्षा गार्ड से लेकर अन्य व्यवस्थाओं के लिए रवि सिक्यूरिटी आउट सोर्स कंपनी कार्यरत है। जिसके द्वारा सबसे ज्यादा अनियमितताएं की गईं। इसके संचालक कर्मचारियों से रुपए लेकर उन्हें नियुक्ति दी। उनके वेतन में कटौती करते हुए उसका खुला शोषण किया। इसके साथ ही पिछले पांच सालों से कर्मचारियों की भविष्य निधि की राशि भी हड़प गई है। अब इस राशि की मांग को लेकर कर्मचारी आवाज उठा रहे हैं। जिस पर रवि सिक्यूरिटी द्वारा कर्मचारियों को बाहर करने की धमकी भी दी जा रही है।

भविष्य निधि मांगने वालों को किया बाहर

रवि सिक्यूरिटी के संचालक रुपए लेकर अस्पताल में नौकरी दिलाते थे। साथ ही कलेक्टर रेट से आधी वेतन देकर उस कर्मचारी का खुला शोषण करते थे। यदि उस कर्मचारी द्वारा शिकायत की जाती तो उसे बाहर कर दिया जाता था। फिर रवि सिक्यूरिटी की तानाशाही इतनी बढ़ गई थी कि वह सीएमएचओ, सिविल सर्जन व अस्पताल प्रबंधन का कोई भी आदेश नहीं मानती थी।

भविष्य निधि जमा करो, नहीं तो एफआइआर

कर्मचारियों की भविष्य निधि व उनकी वेतन में कटौती कर कर्मचारियों का खुला शोषण करने वालों के खिलाफ अस्पताल प्रबंधन अब सख्त दिखाई दे रहा है। रवि सिक्यूरिटी को तीन दिन में भविष्य निधि के 80 लाख रुपए जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा सोमवार को अस्पताल प्रबंधन की श्रम अधिकारी के साथ बैठक भी है। जिसमें सभी आउट सोर्स कंपनियों की जांच की जाएगी कि वह कर्मचारियों को पूरा वेतन दे रही हैं या नहीं। उनकी भविष्य निधि जमा कर रही हैं या नहीं।

लगे कर्मचारियों को मिलेगी प्राथमिकता

वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों को ही आउटसोर्स कंपनियों के संचालक बरगला रहे हैं कि कम पढ़े लिखे लोगों को सेडमैप में नहीं लिया जाएगा। जबकि दमोह सेडमैप के प्रबंधक पीएन तिवारी का कहना है कि सबसे पहले कार्यरतरत कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाए। इसके बाद यह जानकारी ली जाएगी कि जो अच्छे कर्मचारी थे, जिन्हें कंपनियों ने अपने लालच के कारण बाहर किया है उन्हें भी जगह दी जाएगी। यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी और इन नियुक्तियों में किसी भी कर्मचारी को एक रुपया खर्च नहीं करना पड़ेगा।

शोषण करने वाली कंपनियां सेडमैप का भय दिखा रही
रवि सिक्यूरिटी पर एफआइआर के निर्देश..

दमोह- जिला अस्पताल में कार्यरत आउटसोर्स कंपनियां कर्मचारियों का आधा वेतन का गोलमाल करते हुए उनकी भविष्य निधि तक डकार रही हैं। अब इन कंपनियों को बाहर किए जाने का निर्णय कलेक्टर द्वारा लिया गया है। जिससे उन्होंने सेडमैप के तहत कर्मचारियों की भर्ती कराए जाने की प्रक्रिया आरंभ कराई है। जिससे अस्पताल में कार्यरत वर्तमान आउटसोर्स कंपनियों की नींद उड़ी हुई हैं और वह कर्मचारियों को बरगलाने व भडक़ाने का काम कर रही हैं। इधर कर्मचारियों को चार सालों से शोषण करने वाली रवि सिक्यूरिटी के संचालकों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
जिला अस्पताल में साफ-सफाई के लिए कामथेन कंपनी कार्यरत है। वहीं सुरक्षा गार्ड से लेकर अन्य व्यवस्थाओं के लिए रवि सिक्यूरिटी आउट सोर्स कंपनी कार्यरत है। जिसके द्वारा सबसे ज्यादा अनियमितताएं की गईं। इसके संचालक कर्मचारियों से रुपए लेकर उन्हें नियुक्ति दी। उनके वेतन में कटौती करते हुए उसका खुला शोषण किया। इसके साथ ही पिछले पांच सालों से कर्मचारियों की भविष्य निधि की राशि भी हड़प गई है। अब इस राशि की मांग को लेकर कर्मचारी आवाज उठा रहे हैं। जिस पर रवि सिक्यूरिटी द्वारा कर्मचारियों को बाहर करने की धमकी भी दी जा रही है।

भविष्य निधि मांगने वालों को किया बाहर

रवि सिक्यूरिटी के संचालक रुपए लेकर अस्पताल में नौकरी दिलाते थे। साथ ही कलेक्टर रेट से आधी वेतन देकर उस कर्मचारी का खुला शोषण करते थे। यदि उस कर्मचारी द्वारा शिकायत की जाती तो उसे बाहर कर दिया जाता था। फिर रवि सिक्यूरिटी की तानाशाही इतनी बढ़ गई थी कि वह सीएमएचओ, सिविल सर्जन व अस्पताल प्रबंधन का कोई भी आदेश नहीं मानती थी।

भविष्य निधि जमा करो, नहीं तो एफआइआर

कर्मचारियों की भविष्य निधि व उनकी वेतन में कटौती कर कर्मचारियों का खुला शोषण करने वालों के खिलाफ अस्पताल प्रबंधन अब सख्त दिखाई दे रहा है। रवि सिक्यूरिटी को तीन दिन में भविष्य निधि के 80 लाख रुपए जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा सोमवार को अस्पताल प्रबंधन की श्रम अधिकारी के साथ बैठक भी है। जिसमें सभी आउट सोर्स कंपनियों की जांच की जाएगी कि वह कर्मचारियों को पूरा वेतन दे रही हैं या नहीं। उनकी भविष्य निधि जमा कर रही हैं या नहीं।

लगे कर्मचारियों को मिलेगी प्राथमिकता

वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों को ही आउटसोर्स कंपनियों के संचालक बरगला रहे हैं कि कम पढ़े लिखे लोगों को सेडमैप में नहीं लिया जाएगा। जबकि दमोह सेडमैप के प्रबंधक पीएन तिवारी का कहना है कि सबसे पहले कार्यरतरत कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाए। इसके बाद यह जानकारी ली जाएगी कि जो अच्छे कर्मचारी थे, जिन्हें कंपनियों ने अपने लालच के कारण बाहर किया है उन्हें भी जगह दी जाएगी। यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी और इन नियुक्तियों में किसी भी कर्मचारी को एक रुपया खर्च नहीं करना पड़ेगा।

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