अस्पताल की ब्लड बैंक युनिट में चल रही भर्राशाही..एक्सपायरी डेट का बैग दिया, फिर उसी बैग में बदल दी तारीख..

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अस्पताल की ब्लड बैंक युनिट में चल रही भर्राशाही
एक्सपायरी डेट का बैग दिया, फिर उसी बैग में बदल दी तारीख

दमोह- जिला अस्पताल दमोह की ब्लड बैंक युनिट में लंबे समय से भर्राशाही चल रही हैं। यहां पदस्थ कर्मचारियों से लेकर डॉक्टर तक अपनी निजी लैब संचालित कर रहे हैं, वहीं अस्पताल में मरीजों को ब्लड चढऩे व अन्य सैंपल के मामले विलंब किया जाता है, जिससे मरीज को निजी लैबों की मदद लेने के लिए विवश होना पड़े।

मंगलवार को जिला अस्पताल की ब्लड बैंक युनिट से एक बैग मरीज के लिए जारी किया गया। जब बैग वार्ड में मरीज के बिस्तर पर पहुंचा तो वहां डयूटीरत नर्स ने बैग पर पड़ी तारीख देखी तो उसके मुताबिक ब्लड का बैग एक्सपायर दिख रहा था। नर्स ने तुरंत मरीज के परिजन महिला को ब्लड का बैग लेकर वापस युनिट भेज दिया। जहां पर महिला ब्लड लेकर गई तो वहां मौजूद स्टाफ ने इसे एक्सपायर न मानते हुए बताया कि गलती से तारीख डल गई थी। फिर उसी बैग पर नई तारीख लिखकर उसे चढऩे भेज दिया गया। इस गलती को वहां का स्टाफ भूलवश ऐसा होना बता रहा है।

डॉक्टर देते निजी लैब में समय..

ब्लड बैंक का जिम्मा चंद कर्मचारियों के जिम्मे है, इसके प्रभारी व यहां के लैब टेक्निशियन अपनी निजी लैबों में व्यस्त रहते हैं। यहां देखा जाता है कि अक्सर ड्यूटी के टाइम पर यहां के इंजार्ज अपनी निजी लैबों में मरीजों की रक्त जांच करते हैं। जिला अस्पताल में प्रतिदिन निकलने वाले सैंपलों की जांच में लेटलतीफी की जाती है। जिससे मरीजों को उकसाया जाता है कि प्राइवेट में जांच कराई जाए।

कई बैग हो जाते हैं एक्सपायर..

सूत्रों के मुताबिक बताया जाता है कि जिला अस्पताल में कई बैग एक्सपाइर हो जाते हैं। जिन मरीजों को आवश्यकता होती है, उन्हें अस्पताल में ब्लड उपलब्ध होने पर भी नहीं दिया जाता है। ब्लड के बदले ब्लड देने का नियम निर्धारित किया गया है। जिससे कामन ब्लड के सैंपल अत्याधिक जमा हो जाते हैं और इनका उपयोग न होने पर यह एक्सपायर हो जाते हैं।

निजी अस्पतालों को करा देते उपलब्ध..

जिला अस्पताल के ब्लड बैंक से ही चोरी छिपे निजी अस्पतालों में भी ब्लड उपलब्ध कराया जाता है। इस मामले में पूर्व में भी कई शिकायतें हुईं, लेकिन ब्लड बैंक प्रभारी से लेकर वहां पदस्थ कर्मचारियों पर कभी कार्रवाई नहीं की गई। बताया जाता है कि निजी अस्पतालों में भारी भरकम राशि वसूली जाती है। दमोह की अधिकांश निजी अस्पतालों में ब्लड बैंक नहीं है। जहां भी ब्लड की आपूर्ति जिला अस्पताल के ब्लड बैंक से ही की जाती है।

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