सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आपत्तिजनक पोस्ट करना सूचना प्रोद्योगिकी अधिनियम के तहत दण्डनीय अपराध-कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट कोचर..
आदेश का उल्लंघन, चूक करने पर दोषी व्यक्ति, समूहों के विरूद्ध अन्य अधिनियमों के तहत होगी वैधानिक कार्यवाही..
ग्रुप एडमिन की यह व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी कि वह ग्रुप में इस प्रकार के संदेशों को रोकें
प्रतिबंधात्मक आदेश जारी
दमोह : 28 मार्च 2025
सोशल मीडिया से संबंधित संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए जान-माल की सुरक्षा एवं लोक परिशांति तथा कानून व्यवस्था बनाये रखने, सार्वजनिक एवं निजी लोक संपत्ति के सुरक्षार्थ एवं आम जनमानस की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुये सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने वालो के विरूद्ध संपूर्ण दमोह जिले की भौगोलिक सीमाओं में कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार कोचर ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।
आदेश का उल्लंघन/चूक करने पर दोषी व्यक्ति/समूहों के विरूद्ध अन्य अधिनियमों के साथ सूचना प्रोद्योगिकी अधिनियम 2000 (संशोधन 2008) तथा भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।
जिला मजिस्ट्रेट श्री कोचर द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश में कहा गया है दमोह जिला अंतर्गत कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म यथा फेसबुक, व्हाट्सएप, एक्स, इंस्टाग्राम, हाईक, यू-टयूब, थ्रेडस, शार्ट्स, स्नेप-चैट, एस.एम.एस. टेलीग्राम एवं अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म आदि का दुरुपयोग कर धार्मिक, सामाजिक, जातिगत, क्षेत्रीय, भाषागत भावनाओं एवं विद्वेष को भड़काने के लिए किसी भी प्रकार के संदेश जैसे चित्रों व वीडियो एवं ऑडियो मैसेज आदि का प्रसारण नहीं करेगा।
दमोह जिला अंतर्गत कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म में किसी भी प्रकार के आपत्तिजनक एवं उन्माद फैलाने वाले संदेश, फोटो, वीडियो, ऑडियो इत्यादि जिससे धार्मिक, सामाजिक, जातिगत आदि भावनाएं भड़क सकती हैं या सांप्रदायिक विद्वेष पैदा हो सकता है उसे प्रसारित नहीं करेंगे। जिले अंतर्गत कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया के किसी भी पोस्ट जिसमें धार्मिक, सांप्रदायिक एवं जातिगत भावना भड़कती हो को कमेंट, लाइक, शेयर या फॉरवर्ड नहीं करेगा। जारी आदेश में कहा गया है, ग्रुप एडमिन की यह व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी कि वह ग्रुप में इस प्रकार के संदेशों को रोकें।
जिला मजिस्ट्रेट श्री कोचर ने कहा कोई भी व्यक्ति सामुदायिक, धार्मिक, जातिगत विद्वेष फैलाने या लोगों अथवा समुदाय के मध्य घृणा, वैमनस्यता पैदा करने या दुष्प्रेरित करने या उकसाने या हिंसा फैलाने का प्रयास सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्मों के माध्यमों से नहीं करेगा और न ही इसके लिए किसी को प्रेरित करेगा।
यह आदेश सर्व साधारण को संबोधित है और चूकि यह आदेश जन सामान्य के जान-माल की सुरक्षा तथा भविष्य में लोकशांति भंग होने की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए जारी किया जा रहा है इसकी तामीली प्रत्येक व्यक्ति पर सम्यक रूपेण कराया जाना एवं सुनवाई किया जाना संभव नही है। अतः यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163(2) के अंतर्गत एक पक्षीय पारित किया जाता है। सार्वजनिक माध्यमों, इलेक्ट्रोनिक मीडिया एवं समाचार पत्रों के माध्यम से सर्व संबंधितों को अवगत कराया जा रहा है।
इस आदेश से व्यथित व्यक्ति भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा-163 के अंतर्गत कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट के न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा। अत्यंत विशेष परिस्थितियों में कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट के संतुष्ट होने पर आवेदक को किसी भी लागू शर्तों से छूट दी जा सकेगी।
यह आदेश तत्काल प्रभावी होगा और यदि इस आदेश को विखडित न किया जाये तो जारी तिथि से आगामी दो माह तक प्रभावशील रहेगा।
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