आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न: उत्कृष्ट विद्यालय दमोह में अधिकारियों व कर्मचारियों को दी जा रही है प्रशिक्षण की दो पाली
दमोह, 15 मई 2025:
भारत-पाकिस्तान के बीच उत्पन्न तनावपूर्ण स्थितियों को देखते हुए जिला प्रशासन दमोह पूरी तरह सतर्क है और इसी क्रम में आपातकालीन परिस्थितियों में नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु उत्कृष्ट विद्यालय दमोह में एक विशेष आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ आज जिले के समस्त वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया।

इस प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर्स द्वारा सैद्धांतिक और व्यवहारिक दोनों प्रकार की जानकारियाँ दी गईं। सैद्धांतिक सत्र में नागरिक सुरक्षा, भीड़ नियंत्रण, प्राथमिक उपचार, ध्वस्त ढांचों की पहचान, और आपदा के समय अपनाए जाने वाले कदमों पर विस्तृत जानकारी दी गई, वहीं व्यवहारिक सत्र में मॉक ड्रिल, सायरन सिस्टम, घायलों का रेस्क्यू और बेसिक लाइफ सपोर्ट जैसे विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

इस अवसर पर कलेक्टर श्री सुधीर कुमार कोचर ने कहा, “देश की वर्तमान स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। एक सुनियोजित प्रशिक्षण मैन्युअल तैयार कर आज से जिले भर में प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है। प्रशिक्षण प्रतिदिन दो पालियों में चलेगा – पहली पाली सुबह 10:00 से दोपहर 1:30 बजे तक और दूसरी पाली दोपहर 2:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक।”
श्री कोचर ने बताया कि जिले के सभी राजस्व अधिकारियों, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को प्रथम चरण में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अगले चरण में पंचायत, पटवारी स्तर के कर्मचारी एवं नागरिक स्वयंसेवकों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए एक गूगल शीट के माध्यम से 18 से 50 वर्ष आयु वर्ग के इच्छुक नागरिकों से आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से डॉ. मनीष संगतानी ने प्रशिक्षण में भाग लेकर बेसिक लाइफ सपोर्ट (Basic Life Support) के अंतर्गत घाव का इलाज, रक्तस्राव रोकना, हड्डी टूटने पर प्राथमिक उपाय और कार्डियक अरेस्ट जैसी स्थितियों में आवश्यक फर्स्ट एड तकनीकें सिखाईं।
जिला समन्वयक अधिकारी (DPC) श्री मुकेश द्विवेदी ने बताया कि यह प्रशिक्षण नागरिकों को जागरूक करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। इसमें न केवल अधिकारी बल्कि आम नागरिक, जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ताओं को भी प्रशिक्षित किया जाएगा।
मास्टर ट्रेनर माधव पटेल ने बताया कि इस प्रशिक्षण का मूल उद्देश्य है – आपदा के समय सटीक प्रतिक्रिया, न्यूनतम क्षति और सामुदायिक सुरक्षा सुनिश्चित करना। कार्यक्रम के अंतर्गत सायरन की पहचान, ब्लैकआउट में सावधानियाँ, विभागीय जिम्मेदारियाँ और मॉक ऑपरेशंस पर विशेष बल दिया गया।
इस प्रशिक्षण अभियान का लक्ष्य है कि दमोह जिले की जनसंख्या का लगभग 1% यानी 2000 से 3000 लोगों को प्रशिक्षित किया जाए, जिससे किसी भी आपात स्थिति में प्रभावी नागरिक सहयोग मिल सके।
जिला प्रशासन द्वारा सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे देश सेवा की भावना से प्रेरित होकर स्वयंसेवक बनने हेतु आवेदन करें और इस प्रशिक्षण अभियान का हिस्सा बनें।
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