पूजा-पाठ और कर्मकांड हमारे जीवन में क्यों आवश्यक है – किशोरी जी

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कथा व्यास ने कहा कि हमारी बात का भरोसा करो न करो लेकिन श्री राम पर भरोसा जरूर करो..

दमोह : मागंज वार्ड नं पांच में चल रही श्री राम कथा किशोरी जी ने बताया कि मनुष्य का जीवन सुख और दुख से सर्वदा जुड़ा रहता है। इसलिए जब अत्यंतिक सुख की स्थिति हो , तभी आदमी को सावधान हो जाना चाहिए । क्योंकि दुख भी दरवाजे पर ही खड़ा होता है और अवसर की तलाश में होता है। अगर मनुष्य पूजा-पाठ और कर्मकांड से जुड़ा होता है तो उसे दुखों के ताप से बचने की छतरी प्राप्त हो जाती है।

किशोरी जी ने कहा कि श्री रामचरितमानस के दो पक्ष हैं। राम जी की कथा में एक पक्ष लीला का है और दूसरे पक्ष में राम जी के चरित्र का दर्शन होता है। मनुष्य के जैसे प्रवृत्ति होती है उसे वैसे ही प्रसंग में आनंद आता है। श्रेष्ठ व्यक्ति जहां पहुंच जाता है वहां ही उत्सव का माहौल बन जाता है। किशोरी जी ने कहा कि भारत की भूमि देवभूमि है, धर्म की भूमि है । यहां धर्म का पालन करने वाले ही सदा सुखी रहते हैं और अधर्म पथ पर चलने वाले लोगों को दुख भोगने ही पड़ते हैं। लेकिन हाल के वर्षों में सनातन धर्म और परंपरा के साथ कई तरह के खिलवाड़ की घटनाएं हो रही है जो चिंता का विषय

हमारी संस्कृति धर्म पर आधारित है जैसे तैसे नहीं चलती है। धर्म और परंपराओं का सब विधि से पालन होना चाहिए और तभी समाज का कल्याण संभव है

श्रीरामचरितमानस में इस बात का बार-बार प्रमाण आया है। भगवान ने केवट जी, शबरी जी और निषाद जी को जो सौभाग्य प्रदान किया वह अपने आप में यह बताने के लिए पर्याप्त है कि भगवान कभी भी भगत में जात-पात का भेद नहीं देखना चाहते हैं।

किशोरी जी ने कहा कि लोग इस समय राम राज्य की स्थापना की बात कर रहे हैं और मैं भी भारत में राम राज्य की स्थापना के पक्ष में हूं। जरूर रामराज की स्थापना होनी चाहिए। लेकिन, सबसे पहले यह हमारे अपने घरों में होनी चाहिए। जब हम स्वयं सदग्रंथों के आश्रय में धर्म आचरण करते हुए जीवन जिएंगे तो हमारे खुद के भीतर और परिवार में राम राज्य की स्थापना होगी तो समाज में भी रामराज की स्थापना होगी।कथा श्रोता एवं वार्डवासी
राजकुमार पाठक,,,, राघवेंद्र ठाकुर,,,सौरव रैकवार चेतन सिंह,, संजू पेंटर,,, मोहन अठ्या ,,, पिंकू यादव,,,शिवा,,,यादव,,,रिंकू यादव निशांत तिवारी,,, पहलाद पटेल,, मनीष रैकवार,, प्रेमनारायण पटेल,, अमर चौबे ।पंडित कृष्णा तिवारी ने कथा श्रवण करने की अपील की हैं।

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