संस्कृति का कहीं ना कहीं आपस में मेलजोल होता है, यही भारत की विशेषता है,
प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में स्कूलों की भूमिका
10 दिवसीय कार्यशाला संपन्न
जिले के प्रसिद्ध चित्रकार एवं फोटोग्राफर मनोहर काजल के
चित्रों की प्रदर्शनी की हुई सराहना
दमोह : 13 जनवरी 2024
संस्कृतिक स्त्रोत एवं शिक्षण केंद्र संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है, वास्तव में यह कार्यक्रम अद्भुत है, इस कार्यक्रम में मुझे भारत के सूक्ष्म रूप के दर्शन हुए हैं। निश्चित रूप से सीसीआरटी का जो यह प्रयोग है पूरे भारत को एक साथ मिलाने के लिए, वह वास्तव में बहुत अच्छा प्रयोग है, इस प्रयोग के माध्यम से सारे राज्यों के शिक्षकगण, प्रतिनिधि एवं संस्कृति का कहीं ना कहीं आपस में मेलजोल होता है, यही भारत की विशेषता है, अनेकता में एकता, इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रकट होती है। इस आशय के विचार आज प्रदेश के संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास और धर्मस्व राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र सिंह लोधी ने दमोह के सांस्कृतिक स्त्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में स्कूलों की भूमिका कार्यशाला के समापन अवसर पर व्यक्त किये। इस मौके पर सीसीआरटी नई दिल्ली से विनोद कुमार, दमोह सेन्टर से अनुज वाजपेयी और त्रिपाल सिंह तथा दमोह के जाने माने चित्रकार एवं फोटोग्राफर मनोहर काजल मंचासीन थे।
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लोधी ने कहा सीसीआरटी के माध्यम से वास्तव में पूरे देश के शिक्षकों को एकत्रित और प्रशिक्षित करने का काम किया जा रहा है। जो संस्कृतियां आपस में मिल रही है, इसी से सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की प्रेरणा निश्चित रूप से अनेकता में एकता के दर्शन हो रहे हैं। एक छोटे भारत का स्वरूप मैं यहा देख रहा हूं।
राज्यमंत्री लोधी ने कहा कल स्वामी विवेकानंद की जयंती थी, उनकी जयंती को हम युवा दिवस के रूप में भी मानते हैं। स्वामी विवेकानंद एक ऐसा व्यक्तित्व विश्व पटल पर उभरा, जिन्होंने देश का मान, सम्मान पूरे विश्व में बढ़ाने का काम किया है। स्वामी जी ने कहा था कि मेरा विश्वास युवा पीढ़ी पर है, इनमें से ही मेरे कार्यकर्ता निकाल कर आगे आएंगे। विश्व की सारी समस्याओं को सुलझाने की क्षमता युवाओं में है। स्वामी विवेकानंद जी ने युवाओं को प्रेरणा देने का जो काम किया है और उनकी प्रेरणा पाकर युवाओं ने जो देश हित में काम किए, वे भी अद्भुत और अविष्मर्णीय है।
कार्यशाला में विभिन्न प्रांतों से आये शिक्षकगणों ने प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में स्कूलों की भूमिका विषय पर अपने-अपने विचार रखे। इस दौरान प्रमाण पत्र वितरित किये गये।
कार्यक्रम का शुभारंभ मॉ सरस्वती एवं गणेश पूजन तथा दीपप्रज्जवलित कर किया गया। कार्यक्रम में राज्यमंत्री श्री लोधी को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया कार्यक्रम के पूर्व सीसीआरटी कार्यशाला में आये प्रशिक्षकों ने राज्यमंत्री का तिलक लगाकर स्वागत किया।। इस अवसर पर कार्यक्रम से संबंधित एक छोटी सी लघु फिल्म दिखाई गई। कार्यक्रम का संचालन रंगकर्मी राजीव अयाची ने किया।
कार्यक्रम के समापन पर अनुज वाजपेयी ने सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण क्षेत्रीय केंद्र दमोह की ओर आभार प्रकट करते हुये कहा दस दिवसीय कार्यशाला (प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में स्कूलों की भूमिका) के समापन सिद्धि समारोह में दस राज्यों ( मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, बिहार) से 65 शिक्षक शिक्षिकाओं ने इस कार्यशाला में भाग लिया। इस अवसर पर भरत यादव, सम्मानीय मीडियाजन, गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
जिले के प्रसिद्ध चित्रकार एवं फोटोग्राफर मनोहर काजल के
चित्रों की प्रदर्शन की हुई सराहना
कार्यक्रम के पूर्व प्रदेश के संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास और धर्मस्व राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र सिंह लोधी ने कार्यक्रम स्थल परिसर में जिले के प्रसिद्ध चित्रकार एवं फोटोग्राफर मनोहर काजल के चित्रों की प्रदर्शनी का अवलोकन कर सराहना की। उन्होंने कहा चित्रों को देखकर मेरे बचपन की यादें ताजा हो गई। इस दौरान काजल ने चित्रों और फोटोग्राफ के बारे में अवगत कराया।
More Stories
जाकिर हुसैन का निधन: संगीत जगत को हुआ अपूरणीय नुकसान..जोधइया बाई जी का निधन: उमरिया का गौरव , कला जगत का नुकसान..
तीर्थदर्शन योजना बुजुर्गों के लिए प्रदेश सरकार का बहुत बड़ा उपहार-राज्यमंत्री लोधी..
पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम मंत्री पटेल आज दमोह आयेंगे..