जिला मजिस्ट्रेट कोचर ने 02 अपराधियों पर की जिला बदर की कार्यवाही..
दमोह : जिला मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार कोचर ने आपराधिक गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से नियंत्रण करने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी के प्रतिवेदन पर म.प्र. राज्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 02 अपराधियों पर जिला बदर की कार्यवाही की है।
जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेशानुसार अनावेदक दिप्पू उर्फ दीपक पिता उत्तम बसोर उम्र 35 वर्ष निवासी वार्ड नं-01 पथरिया थाना पथरिया को दमोह जिले की भौगोलिक सीमाओं से आगामी 09 माह अर्थात 270 दिवस की कालावधि के लिये तथा अनावेदक आशीष पटैल पिता श्यामलाल पटैल निवासी बिछिया कॉलोनी जबेरा थाना जबेरा को दमोह जिले की भौगोलिक सीमाओं से आगामी 06 माह अर्थात 180 दिवस की कालावधि के लिये निष्कासित (जिला बदर) कर दिया है तथा आदेशित किया है कि अनावेदकगण आदेश की प्राप्ति से 24 घंटे के अंदर दमोह जिले की सीमाओं से बाहर चले जायें एवं अपने आचरण में सुधार करें।
जिला बदर की अवधि में अनावेदकों को केवल उनके विरूद्ध चल रहे न्यायालयीन प्रकरणों में पेशी दिनांक को उपस्थिति हेतु छूट रहेगी, परंतु इसके पूर्व अनावेदक संबंधित थाना प्रभारी को लिखित में सूचना देनी होगी तथा न्यायालय में पेशी होने के तुरंत पश्चात वह इस आदेश का पालन सुनिश्चित करेंगे। इस आदेश का उल्लंघन करने पर अनावेदकों के विरूद्ध म.प्र. राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 14 के तहत कार्यवाही की जायेगी। यह आदेश जिला मजिस्ट्रेट के हस्ताक्षर एवं न्यायालय मुद्रा से जारी किया गया है।
टेड़े पंजो का क्लीनिक की समीक्षा बैठक सम्पन्न , जन्मजात दोष क्लबफुट से जिले को फ्री करने हो रहा प्रयास
दमोह : 09 दिसम्बर 2024
कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर द्वारा दिये गये निर्देशों के तहत जिले में जन्म से लेकर अधिक उम्र के सभी टेड़े पंजा दोष रोग से पीड़ित बच्चों के उपचार हेतु विशेष अभियान चला जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुकेश जैन ने बताया जिला स्तर पर आरबीएसके टीम द्वारा रेफर बच्चें, डिलेवरी पाईंट, एसएनसीयू, एएनएम, आशा कार्यकर्ता, ऑगनवाड़ी कार्यकर्ता, सीएचओ, अन्य प्राईवेट संस्था से रेफर होकर जिला अस्पताल आने वाले सभी क्लब फुट के बच्चों की निःशुल्क कास्टिंग, टेनाटोमी, ब्रेस व बार- जिन्हें क्लब फुट ठीक करने जूते प्रदान किये जाते है।
डॉ. जलज बजाज ने बताया 1000 लाईव बर्थ पर 1 से 2 प्रतिशत बच्चें क्लब फुट दोष के साथ पैदा होते है, ऐसे बच्चों को समय पर उपचार जैसे-प्लास्टर कास्ट सीटीईवी, सर्जरी व क्लबफुट जूते पहनाकर दोष को शतप्रतिशत दूर किया जा सकता है।
आज डीईआईसी में पिछले 08 माह अप्रैल से नवम्बर 2024 तक जिन क्लब फुट के बच्चों को सेवाऐं दी गई है, उन्हें बुलाकर फॉलोअप लिया गया। हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. राहुल अहिरवाल ने बताया जिला अस्पताल दमोह में आरबीएसके व अनुष्का फाउडेशन के सहयोग से अभी तक 97 बच्चें की कास्टिंग की जा चुकी है। आनुष्का फांउडेशन द्वारा अभी तक 13 बच्चों को ब्रेस व बार जूते निःशुल्क प्रदाय किये गये है।
हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. एन.के. पटेल ने कहा आरबीएसके कार्यक्रम ऐसे बच्चों एवं परिवार के लिये वरदान सिद्ध हो रहा है, जो बच्चे का इलाज कराना चाहते है मगर पैसो की तंगी से उपचार नहीं करा पाते।
डॉ. मनीष संगतानी ने कहा जिला अस्तपाल दमोह में आरबीएसके व अनुष्का फाउडेशन के सहयोग से पुनः 13 क्लब फुट रोग से पीड़ित बच्चे-लोकेश पटेल, प्रिंस कुशवाहा, नब्या लोधी, अस्विन गोड़, डोली लोधी, बेबी निशा, माहिरा खान, सिद्धार्थ पटेल, जानवी कुशवाहा को डीईआईसी बाल संजीवनी भवन में बुलाकर ब्रेस व बार जूते निःशुल्क दिये गये है।
बैठक में मुख्य रूप से डॉ. जलज बजाज, आरएमओ डॉ. चक्रेश अहिरवाल, डॉ. मनीष संगतानी, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. एनके पटेल, डॉ. हेमराज सिंह, डॉ. राहुल अहिरवाल, डीईआईसी मैनेजर नरेश राठौर, फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. रजनींश गांगरा, ऑडियोलाजिस्ट संदीप पटैल, शुभम राठौर, नरेन्द्र रैकवार, अजय अहिरवाल के अलावा अनुष्का फाउडेशन के जिला समन्वयक सत्यप्रकाश तिवारी व क्लब फुट रोग का इलाज कराने आये बच्चें एवं परिजनो की उपस्थिति रही।
कलेक्टर कोचर को सूचना प्राप्त होने पर टीम द्वारा होने जा रहे बाल विवाह को रोका गया..
दमोह : कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर को बाल विवाह होने की सूचना प्राप्त होने पर दिये गये निर्देशानुसार जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास के मार्गदर्शन में परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास पथरिया सेक्टर पर्यवेक्षक, पुलिस विभाग से नीतेश जैन एवं अन्य पुलिस बल द्वारा मौके पर देखा कि विवाह की तैयारियां की जा रही थी, परिवार के लोग से बालिका के जन्म तिथि से संबधित दस्तावेज मांगे गये तो परिवार के सदस्यो द्वारा दस्तावेज न होने की बात कही गई। तदोपरांत स्कूल रिकार्ड के आधार एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा कार्यकर्ता के संधारित रिकार्ड का अवलोकन किया गया, बालिका की आयु 18 वर्ष से कम पाई गई। परिवार के उपस्थित सदस्यों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की धाराओं से अवगत कराते हुये समझाइश दी गई।
विवाह की तैयारियो को देखते हुये उपस्थित टीम द्वारा निर्णय लिया गया कि बालिका को वन स्टॉप सेन्टर आश्रय गृह दमोह में रखा जाना उचित होगा। शासन निर्देशो के अनुसार बालिका को वन स्टॉप सेन्टर आश्रय गृह में रखा गया।
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