जाकिर हुसैन का निधन: संगीत जगत को हुआ अपूरणीय नुकसान..जोधइया बाई जी का निधन: उमरिया का गौरव , कला जगत का नुकसान..

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एक महान संगीतकार का सफर हुआ समाप्त


भारतीय शास्त्रीय संगीत के दिग्गज और मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन हो गया है। उन्होंने 73 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। संगीत जगत के लिए यह एक बड़ा झटका है।


कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित


उस्ताद जाकिर हुसैन को भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा, उन्होंने तीन ग्रैमी अवॉर्ड भी जीते थे।


संगीत की दुनिया में एक अद्वितीय योगदान


उस्ताद जाकिर हुसैन ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को दुनिया भर में लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई। उनकी तबला वादन की कला का लोहा दुनिया मानती थी।


मुंबई में हुआ था जन्म


उस्ताद जाकिर हुसैन का जन्म 15 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था।
संगीत जगत शोक में डूबा
उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन से संगीत जगत शोक में डूबा हुआ है। उनके प्रशंसक और संगीतकार उनके निधन पर शोक व्यक्त कर रहे हैं।

जोधइया बाई जी का निधन: आदिवासी कला का एक सितारा हुआ अस्त


उमरिया का गौरव, कला जगत का नुकसान

यह खबर बेहद दुखद है कि उमरिया जिले की शान और आदिवासी कला की एक प्रसिद्ध हस्ती, पद्मश्री सम्मानित जोधइया बाई जी का निधन हो गया है। उन्होंने अपने आवास, लोढ़ा में अंतिम सांस ली।

पद्मश्री सम्मान से सम्मानित


जोधइया बाई जी को साल 2023 में कला के क्षेत्र में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। यह सम्मान उनकी कला के प्रति समर्पण और आदिवासी कला को देश-दुनिया में पहचान दिलाने के लिए मिला था।


आदिवासी कला का जीवंत उदाहरण


जोधइया बाई जी आदिवासी कला का एक जीवंत उदाहरण थीं। उन्होंने अपनी कला के माध्यम से आदिवासी संस्कृति और परंपराओं को जीवंत रखा। उनकी कलाकृतियां न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी काफी लोकप्रिय थीं।


अनमोल रत्न खोया


जोधइया बाई जी के निधन से कला जगत ने एक अनमोल रत्न खो दिया है। उनकी अनुपस्थिति में एक बड़ा शून्य खाली हो गया है।
शोक व्यक्त


जोधइया बाई जी के निधन पर कई लोगों ने शोक व्यक्त किया है। उनके प्रशंसक, कलाकार और समाज के विभिन्न वर्गों के लोग उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।

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