तीन समाजों के साथ 14 समितियों ने दीवानजी की तलैया में किया श्रमदान
असाटी समाज की महिलाओं ने स्वच्छता अभियान में की भागीदारी
हैदरबाद में टीसीएस के मैनेजर भी पहुंचे सफाई अभियान में
दमोह- मराठा कालीन दीवानजी की तलैया में रविवार को श्रमदान करने तीन समाजों के साथ 14 समतियों के सदस्य बड़ी संख्या में पहुंचे। जिन्होंने साथी हाथ बढ़ाना, एक अकेला थक जाएगा साथी हाथ बढ़ाना की तर्ज पर तलैया के अंदर से कीचड़ व मलबे से भरा तसला रोड पर खड़ी ट्राली तक पहुंचाया।

ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व की दीवानजी की तलैया के चारों ओर अतिक्रमण होने से यह दुर्दशा की शिकार हो गई है। इससे दुर्गंध उठ रही है। इस तलैया का काया कल्प करने का बीड़ा शहर की तीन प्रतिष्ठित समाजों में असाटी समाज, महाराष्ट्र समाज व चौरसिया समाज ने उठाया है। यह तीन समाज बड़ी संख्या में इस तलैया के ईद-गिर्द रहवास करती हैं। इन समाजों के अलावा श्रमदान कार्य में सिने जगत से हरीश पटेल मत करो न यार टीम, गायत्री परिवार, जन अभियान परिषद, प्रयास पर्यावरण संस्था, पंतजलि योग समिति, निरंकारी मिशन, शिवाजी पार्क समिति, श्रीराम मंदिर सेवा समिति, विश्व हिंदू परिषद, महाराजा छत्रसाल समिति, मप्र शिक्षक संघ, गुरु पूर्णिमा उत्थान सांस्कृतिक समिति, जिला योग समिति, निर्झर समाजसेवी संस्था व अनहद कला केंद्र के सदस्यों ने कतार में लगकर सफाई अभियान में अपना योगदान दिया।

बदबू व गंदगी से नहीं सिकोड़ा मुंह
रविवार को दीवानजी की तलैया में असाटी समाज महिला मंडल की कामकाजी महिलाएं पहली बार श्रमदान कार्य में भागीदारी करने पहुंची थी। जिन्होंने नगर पालिका परिषद द्वारा उपलब्ध कराए गए मास्क व दस्ताने पहनकर बदबू मार रही दीवानजी की तलैया में तल्लीनता से श्रमदान में सहयोग प्रदान किया। इन महिलाओं के साहस से श्रमदान कार्य को जहां बल मिला, वहीं यह विश्वास हो गया कि अब लोगों की दृढ़ इच्छा शक्ति से इस तलैया को अब स्वच्छ होने से कोई नहीं रोक सकता है।

हैदरबाद में टीसीएस मैनेजर ने किया श्रमदान
दमोह की माटी में पले बढ़े अब हैदरबाद की टीसीएस कंपनी में बतौर मैनेजर अंकित लहरी जो अवकाश पर दमोह आए हैं। उन्होंने सुना की ऐतिहासिक दीवानजी की तलैया जो अब विलुप्त हो रही है उस पर श्रमदान चल रहा है, तो वह अपने मित्र हरीश पटेल के आग्रह पर यहां पहुंचे। स्वच्छता अभियान में सहयोग दिया। अंकित लहरी 8 साल अमेरिका में भी रह चुके हैं, मुंबई में भी रहे और वर्तमान में हैदरबाद में रह रहे हैं। उन्होंने सफाई अभियान में भागीदारी इसलिए की। क्योंकि उनको इस बात की टीस है कि एक बाद उनका पैतृक दमोह गंदे शहर में शुमार हो गया है। इसलिए अपने शहर की स्वच्छता बरकरार रखने के लिए श्रमदान किया।

एसडीएम, समन्वयक, सीएमओ ने किया श्रमदान
दीवानजी की तलैया में श्रमदान के लिए एसडीएम राजललन बागरी, जिला समन्वयक मप्र जन अभियान परिषद समन्वयक सुशील कुमार नामदेव व नगर पालिका सीएमओ प्रदीप शर्मा ने भी स्वच्छता अभियान के तहत श्रमदान किया। सफाई कर्मियों की हड़ताल की वजह से सीएमओ जहां तसला फावड़ा की व्यवस्था करने में लगे थे। वहीं एसडीएम बागरी कचरे से भरा तसला अपने हाथों से ट्राली तक पहुंचा रहे थे। इस अभियान में सभी वर्गों की भागीदारी के साथ प्रशासन का सहयोग भी सराहनीय रहा है।

अगले रविवार फिर होगा श्रमदान
मराठा कालीन दीवान जी की तलैया ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व का प्राचीन जलस्रोत है, जो इस समय गंदगी व दलदली मैदान में तब्दील हो गया है। इसका कायाकल्प करने का संकल्प शहर की समाजों, संगठनों, जिला प्रशासन व नगर पालिका परिषद ने लिया है। जो पूरे ग्रीष्मकाल के प्रत्येक रविवार को श्रमदान व शेष दिनों में मशीनों से तलैया सफाई कार्य कराया जाएगा।
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